दो दुनी चार ब्वनु नि आणू, बीस की स्पीड मा फेसबुक चलाणा छिन!
जरा सी हाय हैल्लो, क्वी रामनगर,क्वी बिजनोर भगणा छिन!
कना कांडा लगी तब!!!
गढ़वाली छ्वारा घंग्तोल मा, छोरी नि मिलणा!
छोरी चटेलिकी बिहारी छ्वारो दगड़ भगणा!
कना कांडा लगी तब!!!!
कभी न किसी के दिल से उतरना
हर किसी के दिल में तुम उतर जाना
कभी न किसी के दिल से उतरना
हर किसी के दिल में तुम उतर जाना
क्वी मागण क्वी बेदी बिटी फरार हूँणा!
क्या कन तब ब्वे बाब भकोरि रूणा!
कना कांडा लगी तब!!!!....
कभी न किसी का दिल दुखाना
भले हीउसके लिए तुम खुद टूट जाना
हर रिश्ते को दिल से निभाना
फिर चाहे दिल पर कितनी भी चोट खाना
हर किसी का मान रखना
पर कभी न अपना आत्मसम्मान गवाना
दुखों में भी तुम मुस्कुराना
ग़मों का न तुम बाज़ार-ऐ-दिल सजाना
भले हीउसके लिए तुम खुद टूट जाना
हर रिश्ते को दिल से निभाना
फिर चाहे दिल पर कितनी भी चोट खाना
हर किसी का मान रखना
पर कभी न अपना आत्मसम्मान गवाना
दुखों में भी तुम मुस्कुराना
ग़मों का न तुम बाज़ार-ऐ-दिल सजाना
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